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Overviewहिंदुओं को सोचना चाहिए कि क्या अभी तक उनके लिए यह स्वीकार करने का समय नहीं आया है कि कोई भी वस्तु स्थिर नहीं है, कोई भी वस्तु अपरिवर्तनीय नहीं है, कोई भी वस्तु सनातन नहीं है, प्रत्युत प्रत्येक वस्तु बदल रही है, अतएव परिवर्तन ही व्यक्ति और समाज के जीवन का नियम है। संसार की बदली हुई परिस्थिति के अनुकूल जो व्यक्ति या समाज अपने जीवन में परिवर्तन नहीं लाता, वह संसार के समुन्नत समाज के समक्ष सिर ऊंचा करके जीवित नहीं रह सकता। मेरी धारणा है, इन प्रश्नों के सही हल पर आरूढ़ होना कल्याणकारी सिद्ध होगा। प्रस्तुत पुस्तक में इन्हीं सारी बातों का विस्तार से विवेचन किया गया है। Full Product DetailsAuthor: Dr Bhimrao AmbedkarPublisher: Blurb Imprint: Blurb Dimensions: Width: 12.70cm , Height: 0.30cm , Length: 20.30cm Weight: 0.054kg ISBN: 9781715341152ISBN 10: 1715341155 Pages: 46 Publication Date: 26 April 2024 Audience: General/trade , General Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: In stock We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Language: Hindi Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |