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Overviewहिंदी का संपूर्ण इतिहास संघर्ष का इतिहास रहा है। भारत में राजभाषा का पद प्राप्त करना अथवा संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त करना, दोनो ही विषयों में हिंदी को लम्बा एवं सतत संघर्ष करना पड़ा है और आज भी कर रही है। भारतीय इतिहास के विभिन्न कालखंडों में हिंदी की प्रगति, उसकी सांस्कृतिक परंपरा और अनेकानेक रूपों में राष्ट्र के एकीकरण में योगदान देने के साथ ही अपना वास्तविक पद प्राप्त करने की उसकी जीवंतता पर केन्द्रित इस पुस्तक को नए आयामों और उसके विकासात्मक परिवर्तनों को जानने, समझने और उसे प्रस्तुत करने का एक सार्थक प्रयास है। आज हिंदी विश्वभाषा बन चुकी है और विभिन्न उपक्रमों में अपनी गहरी पैठ बना चुकी है। आज संचार माध्यम अथवा ज्ञान-विज्ञान का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां हिंदी का व्यवहार नहीं हो रहा है। भारतीय सिनेमा की तो वह सबसे पसंदीदा, लोकप्रिय और सर्वाधिक कमाई करने वाली भाषा बन चुकी है। आज हिंदी प्रवासी भारतीयों में काफी लोक्रिप्रय और भारतीय संस्कृति की वाहक बन चुकी है और शीघ्र ही संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा का दर्जा भी प्राप्त कर लेगी। हिंदी आंदोलन पर केंद्रित इस पुस्तक में आंदोलन से जुड़े ज्ञात-अज्ञात तथ्यों एवं साक्ष्यों के आलोक में विविध कालखंडों में विविध घटनाक्रमों पर नवीन प्रकाश डालने और समझने का प्रयास किया गया है। यह ग्रंथ राष्ट्रीय स्तर के इतिहासकारों और शोधार्थियों के शोध आलेखों और विचारों से सुसज्जित है तो निश्चित रूप से हिंदी प्रेमियों, साहित्यकारों, इतिहास प्रेमियों और शोधार्थियों के लिए सार्थक सिद्ध होगा। Full Product DetailsAuthor: Ratnakar Narale , Rakesh Kumar DubeyPublisher: PC Plus Ltd. Imprint: PC Plus Ltd. Dimensions: Width: 14.00cm , Height: 2.10cm , Length: 21.60cm Weight: 0.562kg ISBN: 9781989416976ISBN 10: 1989416977 Pages: 362 Publication Date: 15 March 2024 Audience: General/trade , General Format: Hardback Publisher's Status: Active Availability: In stock We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |