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Overview"तर्क का संसार तर्कशास्त्र, छल और सत्य की धाराक्या आपने कभी सोचा है कि हम कैसे निर्णय लेते हैं? कैसे हम तय करते हैं कि क्या सच है और क्या झूठ? इसका उत्तर तर्क नामक एक जादुई नक्शे में छिपा है। तर्कशास्त्र हमें तथ्यों को जोड़ने, निष्कर्ष निकालने और हमारे विचारों को व्यवस्थित करने का तरीका सिखाता है। यह हमें सोचने के सही तरीके से परिचय कराता है, और गलत सोच की भूलभुलैया से बाहर निकालता है।इस पुस्तक में, हम तर्कशास्त्र के बेसिक सिद्धांतों को उजागर करेंगे, जिसमें तर्कवाक्य, तर्कभ्रम, और सत्य सारणी जैसे महत्वपूर्ण अवधारणाएं शामिल हैं। यह किताब आपके दिमाग को तेज करेगी, आपकी सोच को स्पष्ट करेगी, और आपको दुनिया को एक नए नजरिए से देखने में सक्षम बनाएगी।तर्कवाक्य कारण-कार्य की कड़ीतर्कवाक्य तर्कशास्त्र का सबसे मूलभूत उपकरण है। यह एक अनुमान या तर्क है, जहां एक बयान (परिसर) दूसरे बयान (निष्कर्ष) की ओर ले जाता है। एक मजबूत तर्कवाक्य में परिसर और निष्कर्ष के बीच एक मजबूत संबंध होता है, जिससे निष्कर्ष विश्वसनीय हो जाता है। उदाहरण के लिए, ""सभी मनुष्य नश्वर हैं. राम एक मनुष्य है. इसलिए, राम नश्वर है."" यह एक तर्कवाक्य है, जहां पहला बयान परिसर है, दूसरा बयान परिसर है, और तीसरा बयान निष्कर्ष है।तर्कभ्रम छल का जालहालांकि तर्कवाक्य हमें सही निष्कर्ष तक पहुंचने में मदद करते हैं, कभी-कभी हम ऐसी गलतियों में पड़ जाते हैं, जो हमारे तर्क को कमजोर कर देती हैं। ये गलतियां तर्कभ्रम कहलाती हैं," Full Product DetailsAuthor: Raghav SharmaPublisher: Not Avail Imprint: Not Avail Dimensions: Width: 15.20cm , Height: 0.40cm , Length: 22.90cm Weight: 0.118kg ISBN: 9798869201072Pages: 78 Publication Date: 04 February 2024 Audience: General/trade , General Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: In stock We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |