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Overviewभारत में समय-समय पर जन्]म लेकर अनेक मनीषियों ने सत्]य अन्वेषण वैदिक ॠषियों की परम्]परा को निरंतर बनाए रखा। स्]वामी विवेदकानंद वर्तमान युग में इसी परंपरा के प्रतिनिधि थे। वह ब्रह्मचर्य, दया, करुणा आदि उदात्]त मानीवय गुणों के मूत रूप थे। उनके लिए प्राणीमात्र परमात्]मा का अंश था। उनकी तर्कशक्ति अद्वितीय थी। शिकागो विश्]व धर्म सम्]मेलन मे उनके व्]यक्तित्]व से विश्]व मुग्]ध हो उठा था। इसके बाद पश्चिमी जगत में उन्]होंने अनेक स्]थानों पर व्]याख्]यान दिए। इससे भारतीय वेदांत का वास्]तविक स्]वरूप विश्]व के समक्ष आया और अनेक अमरीकी तथा यूरोपीय उनके शिष्]य बन गए। स्]वमी विवेकानंद जहां एक ओर सर्व धर्म समभाव के प्रतीक थे, वहीं उन्]हें अपने हिंदू होने का गर्व भी था। लेखक भवान सिंह राणा ने स्]वामी जी के जीवन और कर्म का प्रभावी वर्णन इस पुस्]तक में किया है। Full Product DetailsAuthor: Asha PrasadPublisher: Diamond Books Imprint: Diamond Pocket Books ISBN: 9788171821617ISBN 10: 8171821618 Pages: 304 Publication Date: 01 June 1998 Audience: General/trade , General Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: In Print This item will be ordered in for you from one of our suppliers. Upon receipt, we will promptly dispatch it out to you. For in store availability, please contact us. Language: Hindi Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |
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