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Overviewसभी मत वाले मानते हैं कि दर्शन की दृष्टि से सांख्]य-दर्शन या जीवन की सांख्]य-प्रणाली आदि प्रणालियों में मानी जाती है और भारतीय चिंतन-परंम्]परा की बात करते हुए 'के. दामोदरन' ने उसे मूल वैदिक प्रणाली नहीं माना और उनका यह भी कहना है कि महाभारत आदि में सांख्]य की विचारधारा मिल जाती है। उनके विचार में सांख्]य की विचारधारा मिल जाती है। उनके विचार में सांख्]य विचार-पद्धति, जो प्राचीनतम दार्शनिक प्रणालियों में से एक है, भारत के वैचारिक जीवन को एक लंबे समय तक काफी प्रभावित किए रही। कुछ विद्वानों के मतानुसार इस प्रणाली का नाम सांख्]य-प्रणाली इसलिए पड़ा कि यह वैदिक अवधारणाओं से नहीं, वरन तर्कपूर्ण और युक्तियंक्]त चिंतन के द्वारासत्]य की प्राप्ति की समर्थक थी। सांख्]य-प्रणाली, जैसा कि डैवीजी ने कहा है 'विश्]व की उत्]पत्ति, मनुष्]य की प्रकृति और उनके पारस्]परिक संबंधों तथा उनके भविष्]य के बारे में प्रत्]येक विचारवान मनुष्]य के मस्तिष्]क में उठने वाले रहस्]यपूर्ण प्रश्]नों के केवल युक्ति द्वारा उत्]तर देने का अब तक उपलब्]ध प्राचीनतम प्रयास है। Full Product DetailsAuthor: Dr VinayPublisher: Diamond Pocket Books Pvt Ltd Imprint: Diamond Pocket Books Pvt Ltd Dimensions: Width: 14.00cm , Height: 1.30cm , Length: 21.60cm Weight: 0.354kg ISBN: 9789359642185ISBN 10: 9359642185 Pages: 160 Publication Date: 24 January 2024 Audience: General/trade , General Format: Hardback Publisher's Status: Active Availability: In Print ![]() This item will be ordered in for you from one of our suppliers. Upon receipt, we will promptly dispatch it out to you. For in store availability, please contact us. Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |