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Overviewराजयोग स्वामी विवेकानंद द्वारा रचित एक उत्कृष्ट ग्रंथ है, जो योग के गूढ़ रहस्यों और उनकी व्यावहारिकता को सरल और व्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत करता है। यह पुस्तक ""पतंजलि योगसूत्र"" पर आधारित है और राजयोग को मन और आत्मा पर नियंत्रण का विज्ञान मानती है। स्वामी विवेकानंद ने इसे योग का वह मार्ग बताया है, जो साधक को आत्म-साक्षात्कार और ईश्वर की अनुभूति की ओर ले जाता है।इस ग्रंथ में योग के आठ अंगों - यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, और समाधि - की व्याख्या की गई है। राजयोग मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि पर बल देता है, जिससे साधक आत्मा के वास्तविक स्वरूप को पहचान सके। यह सिखाता है कि ध्यान और ध्यान के माध्यम से मन की चंचलता पर विजय प्राप्त कर आत्मा के साथ एकत्व स्थापित किया जा सकता है।स्वामी विवेकानंद ने इस पुस्तक में योग को धर्म, जाति, और परंपरा से परे एक सार्वभौमिक विधा के रूप में प्रस्तुत किया है। राजयोग उन सभी के लिए प्रेरणादायक है जो मानसिक शांति, आंतरिक शक्ति, और आध्यात्मिक उन्नति की खोज कर रहे हैं। यह पुस्तक योग को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है। Full Product DetailsAuthor: Swami VivekanandPublisher: Unknown Imprint: Unknown Dimensions: Width: 14.00cm , Height: 1.10cm , Length: 21.60cm Weight: 0.231kg ISBN: 9789361915123ISBN 10: 9361915126 Pages: 194 Publication Date: 01 January 2024 Recommended Age: From 0 to 12 years Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: Available To Order ![]() We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Language: Hindi Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |