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Overviewमनोरमा' प्रेमचंद का एक अद्वितीय उपन्यास है, जो मुख्यतः एक स्त्री की आत्म-शक्ति, उसकी मानसिकता और समाज में उसकी स्थिति को केंद्र में रखता है। इस उपन्यास की नायिका मनोरमा है, जो एक उच्च शिक्षित, स्वतंत्र और आधुनिक विचारों वाली महिला है। वह समाज की पारंपरिक मान्यताओं और बंधनों से बंधी नहीं है, बल्कि अपने जीवन को अपनी शर्तों पर जीने का साहस करती है। मनोरमा का विवाह एक साधारण व्यक्ति से होता है, जो उसके उच्च विचारों और जीवनशैली से मेल नहीं खाता। वह अपने पति के साथ सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश करती है, लेकिन अपने आदर्शों और विचारों के साथ समझौता नहीं कर पाती। मनोरमा का संघर्ष एक ऐसी महिला का संघर्ष है जो अपने अधिकारों, इच्छाओं और स्वतंत्रता के लिए समाज की रूढ़ियों से जूझती है। प्रेमचंद ने 'मनोरमा' के माध्यम से उस समय के समाज में महिलाओं की स्थिति, उनकी इच्छाओं और अधिकारों पर प्रकाश डाला है। उपन्यास यह दर्शाता है कि एक महिला के जीवन में शिक्षा और स्वतंत्रता का कितना महत्वपूर्ण स्थान है, और कैसे वह अपने आत्मसम्मान के लिए किसी भी संघर्ष का सामना करने को तैयार रहती है। 'मनोरमा' प्रेमचंद की उन कृतियों में से एक है, जो महिला सशक्तिकरण के विचार को प्रोत्साहित करती है और समाज में परिवर्तन की आवश्यकता पर जोर देती है। Full Product DetailsAuthor: PremchandPublisher: Swan Books Imprint: Swan Books Dimensions: Width: 14.00cm , Height: 0.80cm , Length: 21.60cm Weight: 0.181kg ISBN: 9789361913174ISBN 10: 9361913174 Pages: 138 Publication Date: 10 October 2024 Audience: General/trade , General Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: Available To Order ![]() We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |