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Overviewलेखिका का जन्म उ० प्र० के झाँसी जिले की रियासत रह चुके गाँव चिरगाँव में हुआ। यहाँ के राजा बख्तसिंह ने अंग्रेजों की अधीनता को स्वीकार नहीं किया। गौरव की बात है कि राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जन्मस्थली भी यहीं है। लेखक ने आरम्भिक शिक्षा यहाँ प्राप्त की। तदुपरांत अपनी शिक्षा आगरा में पूर्ण की। हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर, एम.फिल. और पीएच.डी की उपाधि आगरा वि. वि. आगरा से ग्रहण की। उत्तरोत्तर वह कई शहरों- लखनऊ, कानपुर, मुम्बई में रहीं। वर्तमान में भोपाल निवासरत हैं। लेखिका वर्तमान में 'म. प्र. हिन्दी लेखिका संघ' एवं 'म. प्र. लेखक संघ' भोपाल के आजीवन सदस्य के रूप में साहित्य की सेवा में संलग्न हैं। अब तक उन्होंने कई विदेश यात्रायें कीं और वहां के प्री नर्सरी और नर्सरी के बच्चों के साथ समय व्यतीत किया। लेखिका का पहला कहानी संग्रह 'जिया कछु मानत नाहीं' काफी सराहनीय रहा। उसे आलोचकों और साहित्यकारों की प्रशंसा भी प्राप्त हुई। फेसबुक https: //www.facebook.com/aruna.pathak.18 ट्विटर https: //x.com/arunapatha18688 इंस्टाग्राम https: //www.instagram.com/ap1989212023 मेल ap198921@gmail.com Full Product DetailsAuthor: Dr Aruna PathakPublisher: True Sign Publishing House Imprint: True Sign Publishing House Dimensions: Width: 14.00cm , Height: 0.40cm , Length: 21.60cm Weight: 0.091kg ISBN: 9789359881768ISBN 10: 9359881767 Pages: 62 Publication Date: 03 November 2023 Audience: Children/juvenile , Children / Juvenile Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: Available To Order ![]() We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |