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Overviewभारतीय उपखंड में अनुवाद कार्य को महान यज्ञ का गौरव प्राप्त है। भाषा ने मानव को सामाजिक प्राणी बनाया है तो साहित्य ने उसके द्वारा परिकल्पित संस्कारों एवं व्यावहारिक आवश्यकताओं आदि को स्थिरता एवं विकास की दिशाएँ प्रादान की है। आधुनिक युग एक ओर विज्ञान का युग है तो दूसरी ओर अनुवाद का भी युग है। आज अनुवाद ने साहित्य के क्षेत्र की अपनी सीमा को लांघकर मानव व्यवहार के सभी क्षेत्रों को अपनी सीमा में सम्मिलित कर लिया है। अनुवाद जहाँ समय साध्य और श्रम साध्य भाषा-यज्ञ है, वहीं आधुनिक आवश्यकताओं के कारण द्रुत गति से संपन्न होने की माँग से भी अनुचालित और शासित है। प्राचीन काल से लेकर आज तक किए गए साहित्यिक अनुवादों का अनुशीलन महत्वपूर्ण साधक है। इससे भाषिक अभिव्यक्तियों की संभावनाओं, उनमें किए गए प्रयोगों, वाक्य संरचनाओं के भाषांतरण में उभरी समस्याओं के समाधानों आदि को समझने, परिष्कृत करने में आशातीत संभावित सूत्र मिल सकते हैं। हो सकता है कि ये सूत्र समग्र अनुवादशास्त्र के निर्माण में सहायक हो । बहुभाषिक अनुवाद काव्यों का अध्ययन और शोध इन सूत्रों को और पुष्ट करता है। डॉ. अन्नपूर्णा का यह शोध प्रबंध इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कार्य है। आपने हिंदी के आधुनिक महाकाव्य कामायनी के तेलुगु और अंग्रेजी अनुवादों को लेकर दो भिन्न परिवारों की भाषाओं के बीच के अनुवाद संदर्भों और समस्याओं को वैज्ञानिक मानदंडों पर विवेचित करने का प्रयास किया है। वै. वेंकट रमण राव पूर्व अध्यक्ष एवं प्रोफेसर, हिंदी विभाग हैदराबाद (केंद्रीय) विश्वविद्यालय हैदराबाद - 500 046 Full Product DetailsAuthor: Dr C AnnapurnaPublisher: Kasturi Vijayam Imprint: Kasturi Vijayam Dimensions: Width: 15.20cm , Height: 2.20cm , Length: 22.90cm Weight: 0.426kg ISBN: 9789253584796ISBN 10: 9253584793 Pages: 352 Publication Date: 06 May 2023 Audience: General/trade , General Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: Available To Order ![]() We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |