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Overviewएक सफर इतिहास के गलियारों सेमर्दानगी, वह शब्द जिसके अर्थ हम बचपन से सुनते, समझते, और जीते आए हैं। वह छवि जो समाज द्वारा गढ़ी गई, पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित हुई, और अक्सर बिना सवाल उठाए स्वीकार की गई। पर क्या मर्दानगी सिर्फ शारीरिक ताकत, निर्लिप्त भाव, और कठोर स्वर का पर्याय है? क्या समय की धारा में बहते-बहाते ये मानक अपरिवर्तित ही रह गए हैं? इस अध्याय में हम मर्दानगी के पेंचीदे तारों को सुलझाएंगे, उसके इतिहास का सफर तय करेंगे, और समझेंगे कि कैसे विभिन्न कालखंडों में उसकी परिभाषा बदलती रही है।प्राचीन युग का योद्धा शुरुआती मानव सभ्यताओं में मर्दानगी को अस्तित्व के संघर्ष से जोड़ा जाता था। बलवान पुरुष शिकार कर परिवार का पेट पालते, खतरों से रक्षा करते थे, और इस वजह से उन्हें समुदाय का स्तंभ माना जाता था। शारीरिक शक्ति, साहस, और नेतृत्व कौशल को मर्दानगी के सर्वोच्च गुण माने जाते थे। यह वह दौर था जब पितृसत्तात्मक व्यवस्था उभरी और पुरुषों को प्रमुख भूमिका मिली।मध्ययुगीन वीरता के गीत मध्ययुग में युद्ध वीरता की कसौटी माना जाता था। शूरवीरों की कहानियां गाई जाती थीं, जहां निष्ठा, सम्मान, और युद्धक्षेत्र में धैर्य को मर्दानगी के साथ जोड़ा जाता था। धर्मयुद्धों और साम्राज्यवादी विस्तार ने इस दौर में मर्दानगी की परिभाषा को और सख्त बनाया। रक्तपात, कठोर अनुशासन, और भावनाओं पर नियंत्रण को महानता का प्रतीक माना जाने लगा। Full Product DetailsAuthor: Sameer JoshiPublisher: Self Publishers Imprint: Self Publishers Dimensions: Width: 15.20cm , Height: 0.30cm , Length: 22.90cm Weight: 0.095kg ISBN: 9798869091697Pages: 62 Publication Date: 17 December 2023 Audience: General/trade , General Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: Available To Order ![]() We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |