|
![]() |
|||
|
||||
Overviewबिहार राज्य से पृथक् राज्य बने झारखंड के गठन में सुविधा-वितरण असमानताओं का बड़ा हाथ रहा। पृथक् झारखंड की माँग 19वीं शताब्दी के प्रारंभ से ही होने लगी थी, जबकि उस समय भारत अंग्रेजी शासन के अधीन था। सौ साल तक चला यह आंदोलन पृथक् राज्य के गठन के लिए विश्व में सबसे अधिक अवधि तक चलनेवाला आंदोलन रहा। जनजातीय बहुल झारखंड वैसे तो प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर है, लेकिन शिक्षा के अभाव ने इस क्षेत्र को बहुत समय तक विकास की मुख्यधारा से दूर रखा। अपने अस्तित्व को बचाने और अपने अधिकारों को प्राप्त करने में झारखंड का आंदोलन और भी विशेष हो जाता है। जनजातियों का दमन और शोषण रोकने के लिए झारखंड की भूमिका पर ऐसे अनेक आंदोलन हुए, जो अठारहवीं शताब्दी के प्रारंभ से ही हो रहे थे। इन आंदोलनों में यहाँ की जनजातियों ने क्या कुछ सहा और देखा, इसकी कल्पना करना भी कठिन है। आज झारखंड पृथक् राज्य बनकर विकास के पथ पर अग्रसर है। प्रस्तुत पुस्तक 'झारखंड सामान्य ज्ञान' में झारखंड की भौगोलिक स्थिति, खनिज-संपदा, राजनीतिक-सामाजिक स्थिति पर सम्यक् जानकारी जुटाई गई, जो पाठकों के लिए अनेक रूपों में उपयोगी सिद्ध होगी। Full Product DetailsAuthor: Manish RannjanPublisher: Prabhat Prakashan Imprint: Prabhat Prakashan ISBN: 9789351867982ISBN 10: 9351867986 Pages: 736 Publication Date: 12 August 2016 Audience: General/trade , General Format: Book Publisher's Status: Active Availability: Available To Order ![]() We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Language: Hindi Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |