|
![]() |
|||
|
||||
Overviewएडी जाकु हमेशा स्वयं को पहले जर्मन और फिर यहूदी मानते थे। उन्हें अपने देश पर गर्व था। लेकिन नवंबर 1938 में तब सब कुछ बदल गया, जब उन्हें पीटा गया, गिरफ़्तार किया गया और एक यातना-शिविर में ले जाया गया। अगले सात वर्षों तक एडी का हर दिन अकल्पनीय भय और संत्रास के बीच बीता, पहले बुकेनवाल्ड में, फिर ऑश्वित्ज़ और फिर एक नाज़ी डेथ-मार्च के दौरान। उन्होंने अपना परिवार, अपने दोस्त और अपना देश तक खो दिया। क्योंकि एडी बच निकले थे, इसलिए उन्होंने हर दिन मुस्कुराने की कसम खाई। वह मारे गए उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं - अपनी आपबीती सुनाकर, अपना ज्ञान साझा करके और अपना सर्वोत्तम संभव जीवन जीकर। इतनी बड़ी मुसीबतों को सहने के बाद वह अपने आपको दुनिया का सबसे खुशहाल इंसान मानते थे। एडी की मृत्यु के कुछ ही समय पूर्व लिखा गया यह संस्मरण अत्यंत प्रभावशाली, दिल को छू लेने वाला है और आशा जगाता है कि खुशी तब भी तलाशी जा सकती है जब हम उदासी और निराशा से घिरे हों। Full Product DetailsAuthor: Eddie Jaku , Yamini RampalliwarPublisher: Manjul Publishing House Pvt Ltd Imprint: Manjul Publishing House Pvt Ltd Weight: 0.175kg ISBN: 9789391242824ISBN 10: 9391242820 Pages: 164 Publication Date: 01 May 2022 Audience: General/trade , General Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: Available To Order ![]() We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |