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Overviewशिव में जब गुण आते हैं तो मनुष्य बनता है। मनुष्य यदि निर्गुण हो जाए तो वह पुनः शिव हो सकता है। यह कोई सिद्धांत नहीं बल्कि विज्ञान है और शिव होना सभी के लिए संभव है। दरअसल हर मनुष्य के जीवन में एक ऐसा कर्म जरूर होता है, जो उसके सभी गुणों को बाहर कर उसे निर्गुण कर दे, उसे पुनः शिव कर दे। इस कर्म की प्राप्ति बहुत कठिन भी नहीं। ऐसा भी नहीं कि इसके बदले हमें कुछ खोना पडे़गा, बल्कि सच तो यह है कि इस कर्म की खोज ही सबकुछ पाने का एक मात्र रास्ता है। महादेश शिव की दया, कृपा और आशीर्वाद से इस पुस्तक में उसी रास्ते पर प्रकाश डालने का प्रयास किया गया है। Full Product DetailsAuthor: Akash Kailash VijayvargiyaPublisher: Prabhat Prakashan Imprint: Prabhat Prakashan ISBN: 9789351867180ISBN 10: 9351867188 Pages: 104 Publication Date: 01 December 2016 Audience: General/trade , General Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: Available To Order ![]() We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Language: Hindi Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |