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Overviewगौतम चटर्जी पिछले चार दशकों से क्लासिक सिनेमा के अध्येता और कलाविद हैं। सिनेमा से जुड़ी विश्व की सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में वे हिन्दी और अंग्रेजी में लिखते रहें हैं। बतौर फिल्मकार उन्होंने अब तक सत्ताइस फिल्मों की रचना की है जिनमें तत्पुरुष, आनन्दभैरवी, श्याम बेनेगल, कुहासा, कुंवर नारायण, बादल सरकार, पद्मकौमुदी और उत्तरण प्रमुख हैं जो भारत के अतिरिक्त वियना, कार्लोवी वेरी और स्विजरलैंड के फिल्म समारोहों में दिखायी जा चुकी हैं। दृश्यकाव्य की आधुनिक दुनिया में सिनेमा विधा सर्वाधिक प्रभावशाली कलारूप है । कलामाध्यम या सिनेमाकला होने के बावजूद इसके भाषिक समाज में व्यावसायिक और कला सिनेमा जैसे शब्द प्रचलन में हैं। सिनेमा जब अपनेआप में कला है तो कलासिनेमा जैसा शब्द अनुपयुक्त है । इस अनुपयुक्त स्थिति का कारण है कि हम क्लासिक सिनेमा के बारे में नहीं जानते। यह किताब हमें न सिर्फ क्लासिक सिनेमा के बारे में विस्तार से बताती है बल्कि क्लासिक सिनेमा में गृहीत विचारों की गहराई और उनकी कलामिति को भी सुबोध बनाती है। इस विषय पर यह पहली किताब है। क्लासिक फिल्मकारों से संवाद इस किताब को महत्वपूर्ण और गंभीर बनाती है। Full Product DetailsAuthor: Gautam ChatterjeePublisher: Diamond Pocket Books Pvt Ltd Imprint: Diamond Pocket Books Pvt Ltd Dimensions: Width: 14.00cm , Height: 0.90cm , Length: 21.60cm Weight: 0.213kg ISBN: 9789359648057ISBN 10: 9359648051 Pages: 162 Publication Date: 09 May 2024 Audience: Young adult , Teenage / Young adult Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: In Print ![]() This item will be ordered in for you from one of our suppliers. Upon receipt, we will promptly dispatch it out to you. For in store availability, please contact us. Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |