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Overviewलकण-कण में है शंकऱ की मान्यता, भारत में यूं ही नहीं जन्मी, यहां के घर-घर में, गली-कूचों में मंदिर हैं तो, माता-पिता के चरणों को तीर्थ के सामान माना गया है। शायद यही कारण है कि पूरा भारत वर्ष मंदिरों से भरा पड़ा है। जिनकी मान्यता व याति भारत में ही नहीं पूरे विश्व भर में है, इसलिए भक्त व पर्यटक इन्हें देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। कौन से हैं वह प्रसिद्ध मंदिर? क्या है उनका महत्त्व और इतिहास? विभिन्न मदिरों का संबंध किस देवता की किस घटना, कहानी या मान्यता से है? क्यों आवश्यक हैं इन के दर्शन? क्या कहते हैं शास्त्र इन मदिरों के बारे में? कैसे और कब पहुंचें वहां? सब कुछ विस्तार पूर्वक आप इस पुस्तक में पढ़ सकते हैं। इतना ही नहीं यह पुस्तक मंदिरों के धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्त्व को भी रेखांकित करती है तथा इनमें आये आध्यात्मिक एवं व्यावसायिक परिवर्तनों का भी खुलकर उल्लेख करती है। Full Product DetailsAuthor: Shashikant 'sadaiv'Publisher: Prabhakar Prakashan Imprint: Prabhakar Prakashan Dimensions: Width: 14.00cm , Height: 1.90cm , Length: 21.60cm Weight: 0.476kg ISBN: 9789389851946ISBN 10: 9389851947 Pages: 258 Publication Date: 01 July 2022 Audience: General/trade , General Format: Hardback Publisher's Status: Active Availability: In Print ![]() This item will be ordered in for you from one of our suppliers. Upon receipt, we will promptly dispatch it out to you. For in store availability, please contact us. Language: Hindi Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |