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Overviewभक्तियोग स्वामी विवेकानंद द्वारा रचित एक महान ग्रंथ है, जो भक्ति के माध्यम से ईश्वर प्राप्ति के मार्ग को सरल और सुगम बनाता है। यह पुस्तक भक्ति के सच्चे अर्थ, उसके प्रकार, और उसकी गहराई को समझाती है। स्वामी विवेकानंद का मानना था कि भक्ति केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति नहीं है, बल्कि यह आत्मा की ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण और प्रेम है।भक्तियोग में उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि भक्ति किसी धर्म या पंथ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हृदय की शुद्धता और ईश्वर के प्रति गहन लगाव का प्रतीक है। स्वामी विवेकानंद ने इसे ""प्रेम के योग"" के रूप में वर्णित किया है, जो व्यक्ति को अहंकार, द्वेष और सांसारिक बंधनों से मुक्त करता है। उन्होंने भक्त को मार्गदर्शन देते हुए बताया कि सच्ची भक्ति निष्काम होनी चाहिए, जिसमें कोई अपेक्षा या स्वार्थ न हो।यह पुस्तक हर उस साधक के लिए उपयोगी है जो प्रेम और समर्पण के माध्यम से अपने जीवन को आध्यात्मिक ऊंचाइयों तक पहुंचाना चाहता है। स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरित यह ग्रंथ भक्ति मार्ग के साधकों के लिए एक अमूल्य निधि है और हर युग में प्रासंगिक है। Full Product DetailsAuthor: Swami VivekanandPublisher: Unknown Imprint: Unknown Dimensions: Width: 14.00cm , Height: 0.50cm , Length: 21.60cm Weight: 0.113kg ISBN: 9789361912016ISBN 10: 9361912011 Pages: 88 Publication Date: 01 January 2024 Recommended Age: From 0 to 12 years Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: Available To Order ![]() We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Language: Hindi Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |