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Overview'जीवन तो जैसा है वैसा ही रहेगा। वैसा ही रहना चाहिए। हां, इतना फर्क पड़ेगा... और वही वस्तुतः आमूल क्रांति है। आमूल का मतलब होता है 'मूल से'। ...आमूल क्रांति का अर्थ होता है जो अब तक सोये-सोये करते थे, अब जाग कर करते हैं। जागने के कारण जो गिर जाएगा, गिर जाएगा; जो बचेगा, बचेगा-लेकिन न अपनी तरफ से कुछ बदलना है, न कुछ गिराना, न कुछ लाना। साक्षी है मूल। 'मैं वस्तुतः तुम्हें मुक्त कर रहा हूं। मैं तुम्हें क्रांति से भी मुक्त कर रहा हूं। मैं तुमसे यह कह रहा हूं ये सब कुछ करने की बातें ही नहीं है। तुम जैसे हो - भले हो, चंगे हो, शुभ हो, सुंदर हो। तुम इसे स्वीकार कर लो। तुम जीवन की सहजता को व्यर्थ की बातों से विकृत मत करो। विक्षिप्त होने के उपाय मत करो, पागत मत बनो! Full Product DetailsAuthor: OshoPublisher: Diamond Books Imprint: Diamond Pocket Books ISBN: 9788189605834ISBN 10: 8189605836 Pages: 306 Publication Date: 13 January 2022 Audience: General/trade , General Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: Manufactured on demand ![]() We will order this item for you from a manufactured on demand supplier. Language: Hindi Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |