|
![]() |
|||
|
||||
Overviewआनन्द मठ बांग्ला भाषा का एक उपन्यास है जिसकी रचना बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय ने १८८२ में की थी। इस कृति का भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम और स्वतन्त्रता के क्रान्तिकारियों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् इसी उपन्यास से लिया गया है। छपते ही यह पुस्तक अपने कथानक के चलते पहले बंगाल और कालान्तर में समूचे भारतीय साहित्य व समाज पर छा गई। आनन्दमठ राजनीतिक उपन्यास है। इस उपन्यास में उत्तर बंगाल में 1773 के सन्यासी विद्रोह का वर्णन किया गया है। इस पुस्तक में देशभक्ति की भावना है। अंग्रेजों ने इस ग्रन्थ पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। भारत के स्वतन्त्र होने के बाद १९४७ में इससे प्रतिबन्ध हटाया गया। 'आनंदमठ' के तब से अब तक न जाने कितनी भाषाओं में कितने संस्करण छप चुके हैं। उपन्यास की कथा सन् १७७० के बंगाल के भीषण अकाल तथा सन्यासी विद्रोह पर आधारित है। इसमें वर्ष 1770 से 1774 तक के बंगाल का चित्र खींचा गया है। कथानक की दृष्टि से यह उपन्यास या ऐतिहासिक उपन्यास से बढ़कर है। महर्षि बंकिम ने अप्रशिक्षित किन्तु अनुशासित संन्यासी सैनिकों की कल्पना की है जो अनुभवी ब्रिटिश सैनिकों से संघर्ष करते हैं और उन्हें पराजित करते हैं। Full Product DetailsAuthor: Bankimchandra ChatterjeePublisher: Sanage Publishing House LLP Imprint: Sanage Publishing House LLP Dimensions: Width: 14.00cm , Height: 1.00cm , Length: 21.60cm Weight: 0.218kg ISBN: 9789391316136ISBN 10: 9391316131 Pages: 166 Publication Date: 09 October 2021 Audience: General/trade , General Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: Available To Order ![]() We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Language: Hindi Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |