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Overviewमैंने उससे मना कर दिया। वह रुक गया, तो लड़की का तुरंत फोन आ गया। पहले वह उठा नहीं रहा था, पर फिर उठा लिया। फिर उसने स्पीकर खोल दिया, क्योंकि लड़की घर वालों से छिपकर बहुत धीमी आवाज में बात कर रही थी। लड़की गुस्से में थी। ""तुमने बात क्यों नहीं की?"" वह भड़की। ""यार काम बहुत था समय ही नहीं मिला।"" भाई ने कहा। ""इतना भी टाइम नहीं मिला कि मेरे मेसेज का रिप्लाय कर सको?"" ""कैसे करता दिन भर घर पर ही था,"" वह डर रहा था, मैं उसके व्यवहार पर गुस्सा हो रहा था कि कैसे भीगी बिल्ली बना हुआ है। ""मैंने कितने फोन किए, एक भी नहीं उठाया, मेसेज किए कोई रिप्लाय नहीं।"" वह हूँका भरता हुआ सुनता रहा, लड़की आगे बोली, ""करो काम, तुम दिन भर काम करो"" लड़की की आवाज में डर था कि कहीं घर वाले पकड़ न लें, मुझे उस पर भी गुस्सा आ रही थी, वह झूठ बोल कर, धोखा देकर, अपनी ही आत्मा को कमजोर कर रही थी, ""एक बार भी यह न सोचा कि मेरी क्या हालत होगी,"" लड़की ने लड़कों को फँसाने वाली एक और चाल खेल दी, वह कितना बेहतरीन नाटक कर रही थी, आगे बोली, ""जब काम था तो सुबह बता ही देते। हम इतने फोन तो न करते। आप अब कर लो काम हम तो सोने जा रहें हैं।"" रुठने की चाल खेली गई, हर लड़की दिन में कईयों पर आशिकों को कदमों में गिराने के लिए कईयों बार रुठती है, लड़का मनाने मे लगा रहता है। उसे बस एक ही चीज से मतलब है, उसके लिए नाक भी रगड़ने को तैयार हो जाता है। ऐसी लड़कियाँ यह बात अच्छे से जानती हैं। बात और कुछ देर चलती रही। भाई पर गुस्सा आया कि वह लगातार एक के बाद एक पाप कर रहा है। घर वालों को धोखा, झूठ यह सब खुद की आत्मा को मार देते हैं, फिर आदमी में बहुत ताकत नहीं बचती है। Full Product DetailsAuthor: अंकितPublisher: Sahitya Press Imprint: Sahitya Press Dimensions: Width: 14.00cm , Height: 0.40cm , Length: 21.60cm Weight: 0.100kg ISBN: 9798227537034Pages: 76 Publication Date: 20 May 2024 Audience: General/trade , General Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: Available To Order ![]() We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |