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Overviewआटा पेटी खोली। परांत उठाई और उसमें आठा छान लिया। दो वक्त का खाना एक ही बार मे बनाना था क्योंकि कौन बार-बार समय बर्बाद करे। रोटी गिन कर बनाता था। इधर सब्जी हिलाते रहा और आटा भी गूथते रहा। बहुत मेहनत करनी पड़ती थी यार, माथे से बार-बार पसीना भी पोंछना पड़ता था। जल्दी भी बहुत रहती थी। ओरे खाना बनाले, थोड़ा जल्दी बना ले, बस निकल जाएगी, कॉलेज छूट जाएगा, हाथ मलता तू यहीं रह जाएगा। शरीर में थोड़ी फुर्ती जगाले ओरे खाना बना ले थोड़ा जल्दी बना ले। जो आटा गूँथ रहा है, उसमें पानी मिला ले सब्जी जल रही है जरा चमची हिला दे, कितनी रोटी खाएगा उसकी गिनती लगा ले ओरे खाना बना ले थोड़ा जल्दी बनाले। मैंने आटा गूंथ लिया, तब तक सब्जी पक गई थी। देखने में स्वादिष्ट लग रही थी। मन किया कि तुरंत खा लूँ। मैंने कढ़ाई नीचे उतारी और तवा चड़ाया। चकौटी बेलन उठाए और रोटी बेलने लगा। रोटी बनाने वाले जानते हैं कि रोटियों को बेलने में ही सबसे ज्यादा आलस आता है, इसमें बहुत कौशल और मेहनत लगती है, कई दिनों की मेहनत के बाद रोटी बेलना सीख पाते हैं। उतने पर ही यह समय भी बहुत लेती हैं। मैंने रोटी बेलना शुरू किया, मुझे रोटी बेलने का दो साल का एक्सपीरियंस था। ग्यारवीं-बाहरवीं में विदिशा में ही रुका था, हर दिन रोटी बेलना पड़ता था। मैं मन में कह रहा था, ये रोटी गोल कर, न तू नक्से बना रे, देखेंगे सब उधर अपनी लाज बचा रे तवा खाली पड़ा है जल्दी हाथ चला ले, ओरे खाना बनाले थोड़ा जल्दी बनाले। Full Product DetailsAuthor: अंकितPublisher: Sahitya Press Imprint: Sahitya Press Dimensions: Width: 14.00cm , Height: 0.50cm , Length: 21.60cm Weight: 0.118kg ISBN: 9798227573742Pages: 92 Publication Date: 11 July 2024 Audience: General/trade , General Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: Available To Order ![]() We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |