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Overviewइस छंदावली में जीवन की अनुभूतियों का चित्रण है। कविताओं में व्यक्तिगत, सामाजिक, राष्ट्रीय तथा वैश्विक स्तर पर परिस्थितियों और विसंगतियों का काव्यात्मक विवरण है। व्यक्ति तथा घटनाओं का अवलोकन, उनकी मानसिकता को समझना कविताओं को अनूठा बनाता है। व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित यह कविताएं पाठक के मानस को झकझोर कर सोचने को मजबूर कर देती हैं। समाज और देश में व्याप्त कुरीतियों, कुप्रथाओं और अन्याय पर व्यंगात्मक कटाक्ष के साथ ही समस्याओं को सुलझाने के उपाय भी इनमें समाविष्ट हैं। यह कविताएं देश में फैले भ्रष्टाचार, दबंगई, पाखंड और असमानता को साहस और जीवट के साथ चुनौती देती हैं। Full Product DetailsAuthor: डॉ. हरि सकसेनाPublisher: Bookleaf Publishing Imprint: Bookleaf Publishing Dimensions: Width: 12.70cm , Height: 0.30cm , Length: 20.30cm Weight: 0.059kg ISBN: 9798900817385Pages: 52 Publication Date: 28 October 2025 Audience: General/trade , General Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: Available To Order We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Language: Hindi Table of ContentsReviewsAuthor Informationडॉ. हरि मोहन सक्सेना ने ब्रिटेन के नॉटिंघम विश्वविद्यालय से पीएचडी की है। उन्होंने पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय लुधियाना में प्रोफेसर और विभाग प्रमुख, भारतीय दूतावास रूस में विज्ञान सलाहकार और पशुविज्ञान विश्वविद्यालय पटना में डीन के रूप में कार्य किया है। उन्होंने 3 पुस्तकें, 109 शोध पत्र, 20 अध्याय, 25 लेख प्रकाशित किए हैं और अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मेलनों में 76 शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने गोल्डन डोर अवार्ड्स वैश्विक कविता प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक और ट्रुथ राइटर फेलोशिप जीती है। उन्होंने कई लेख, कविताएँ प्रकाशित व प्रसारित किए हैं। वे रेक्स कर्मवीर चक्र व साहित्यलंकार से सम्मानित हैं। Tab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |
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