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Overviewविशाल और रहस्यमयी महासागर में, जहाँ जीवन कई रूपों में होता है, एक छोटी सी शार्क जिसका नाम शारा था, अपनी पहचान खोजने की यात्रा पर निकलती है। ""एक बेबी शार्क जो खुदको मेंढक समझती थी"" दिल को छू लेने वाली कहानी है जो खुद की पहचान को खोजने और अपने असली स्वरूप को अपनाने के बारे में है। इसे खूबसूरत चित्रों से सजाया गया है। (Illustrated book) यह कहानी इस बात पर प्रकाश डालती है कि जब हम ऐसी दुनिया में फिट होने की कोशिश करते हैं, जहाँ हमारी जगह नहीं है, तो हमें कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। जैसे शारा, जिसे मेंढकों ने पाला, वह उनके नियमों के अनुसार जीने के लिए संघर्ष करती है। अपने मेंढक होने की कोशिशों के बावजूद, शारा खोई हुई और अलग महसूस करती है। यह कहानी बच्चों और बड़ों के लिए भी एक कोमल सीख देती है कि हम सभी में अनोखी ताकतें और उद्देश्य होते हैं। कई बार हमें लगता है कि हमें किसी और की दुनिया में फिट होने के लिए खुद को बदलना पड़ेगा। लेकिन जैसा कि शारा की यात्रा हमें दिखाती है, खुद को पूरी तरह से स्वीकार करना ही हमें महानता की ओर ले जाता है। आपके बच्चे के लिए यह परफेक्ट है, उसे जरूर पसंद आएगी। Full Product DetailsAuthor: अंकितPublisher: Sahitya Press Imprint: Sahitya Press Dimensions: Width: 14.00cm , Height: 0.40cm , Length: 21.60cm Weight: 0.086kg ISBN: 9798227640581Pages: 66 Publication Date: 24 September 2024 Recommended Age: From 6 to 8 years Audience: Children/juvenile , Children / Juvenile Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: Available To Order ![]() We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |