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Overview""अब और क्या"" केवल एक उपन्यास नहीं, बल्कि उन क्षणों का संयोजन है जहाँ कथावाचक स्वयं से सवाल पूछता है- अब और क्या बचा है? यह कृति आत्म-खोज, प्रेम और एकांत के जटिल ताने-बाने को बुनती एक मार्मिक आत्मकथात्मक कथा है। कथावाचक भौतिक मंज़िल की नहीं, बल्कि अपने भीतर के 'शोर' से दूर, एक गहरी शांति की तलाश में है। वह अपनी 'चुप्पी' को सबसे बड़ी अभिव्यक्ति मानता है, जिसकी इच्छा है कि उसे बेआवाज़, पर संपूर्णता से सुना जाए। उपन्यास आधुनिक शहरी जीवन के उन मौन कोनों को उजागर करता है जहाँ लोग हँसते हुए टूटते हैं, और टूटते हुए आगे बढ़ने का साहस जुटाते हैं। भावनात्मक गहराई, सादगी, और आज के युवा-पाठकों से जुड़ने वाली भाषा के कारण यह व्यापक पाठक-वर्ग को आकर्षित करने की क्षमता रखता है। सम्राट सिंह मानते हैं कि 'सच्चाई व्यक्तिपरक है' और 'पहचान हमेशा तरल होती है'। हर इंसान एक सफ़र में है। कोई भागता है मंज़िल तक पहुँचने के लिए, और कोई अपने भीतर के शोर से कुछ देर की दूरी चाहता है। जब बातचीत एक ऐसे अंधेरे कुएं में गिरने लगती है जहाँ से आवाज़ें लौटकर नहीं आतीं, तब एक ही सवाल उठता है प्रेम के चले जाने के बाद, अब और क्या बचा है? अगर आपने कभी उस गहरी चुप्पी में यह पूछा है ""अब आगे क्या?"", तो यह किताब आपके लिए है। Full Product DetailsAuthor: सम्राट सिंहPublisher: Samraat Singh Imprint: Samraat Singh Dimensions: Width: 14.00cm , Height: 2.20cm , Length: 21.60cm Weight: 0.454kg ISBN: 9788199611580ISBN 10: 8199611588 Pages: 394 Publication Date: 25 November 2025 Audience: General/trade , General Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: Available To Order We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Language: Hindi Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |
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